Eid Event is going to be held 2020

भारत में ईद -अल- फ़ित्र  ( ईद )  मनाया जाएगा  2020 :  रमज़ान ( रमदान ) के बाद मनाया जाना वाला festival

भारत देश में रमजान का महीना २३ या २४ मई को ख़त्म होंगे इसलिए  ईद २४ या २५ मई को हो सकते हैं अब ये देखना हैं की ईद का चाँद कब दिखाई देंगे।
इस साल कोरोना  वायरस (corona virus ) की वजह से देश के सभी मुस्लिम परिवारों से ये गुजारिश की गए हैं की ो नमाज़ अपने अपने घरो में ही अदा करे ताकि कोरोना वायरस के फैलाने से बचा जा के , इस साल खुदा ने हमे अपने परिवार के साथ वक़्त बिताने और उनकी इबादत करने का मौका दिया हैं ।





Eid,eid-al-fitr 2020
  1.  ईद -अल- फ़ित्र  ( ईद )

 क्यों अलग अलग  जगहों पे अलग अलग समय पे ईद मनाया जाता हैं  ???


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                                       2. ईद के एक दिन दिखने वाला चाँद

दोस्तों  रमज़ान का पाक महीना हो या  ईद  का त्यौहार दोनों ही चाँद के दिखाई देने के अगले दिन से शुरू होतें है।  यही कारन है की ये त्यौहार अलग अलग समय पे शुरू होते हैं और ख़त्म भी। कही पे रमज़ान का महीना २९ दिन या ३० दिन के रोज़े करने के बाद  ईद का त्यौहार मनांए जाता हैं।  लेकिन सबसे पहले इन त्योहारों के शुरुआत सऊदी अरब में स्थित मक्का मदीना के यहाँ से होती हैं अर्थात वहा  एक दिन पहले  मनाया जाता जाता हैं।

ईद का मतलब काया होता हैं ???

ईद शब्द एक अरबी भाषा से लिया गया शब्द हैं और ईद -अल -फ़ित्र का मतलब होता हैं - "The festival of fast breaking "

मतलब रमज़ान के रोज़े ख़त्म हुए अब हम सभी अल्लाह की इबादत करे और उनका शुक्रिया करे की उन्होंने हमें रमजान का पाक महीना दिया और हमें अपने आप को शुद्ध /पाक करने का मौका दिया।

ईद  का दिन
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   3. नामाज़ पढ़ने के बाद गले मिलते
                              
                      
चाँद दिखाने के अगले सुबह सभी नामाज़ पढ़ने के नये नये कपडे पहनते हैं।  उनके बड़े सभी एक दुसरो को पैसे देते हैं जिसे    "Eidi"  कहा जाता हैं। फिर सभी मुस्लिम भाई mahjid  में आकर  नमाज़ पढ़ के अल्लाह का शुक्र फरमाते हैं। नमाज़ नाज़िल करने  के बाद ,सभी एक दूसरे को ईद मुबारक कहते हुए हाथ  मिलाते  हैं और गले मिलते हैं।
वो अपने परिवार के सस्दस्यो के हिसाब से  ज़कात ( zakat ) अदा करनी पड़ती हैं जैसे १ सदस्य का ५० रूपए  ज़कात होता हैं तो एक परिवार में पांच सदस्य के ५० x५= २५० रूपए जकात हुये l
उनके पास आने वाले जरुरत -मंतो  को पैसे ,कपडे या दावत  देके उनको भी अपनी ख़ुशी में शामिल करते हैं  करते हैं । जब वो घर पहुंचते हैं तो ो अपने घर के अन्य सदस्यों को भी ईद मुबारक कहते हैं। उसके बाद उनके घरो में मनो उनके सभी दोस्त ,रिश्तेदार आदि आने लगते हैं और ऐसे पूरा दिन चलता हैं।

 ईद के दिन  बनाया जाता हैं

ईद क्योकि  खुशियों के त्यौहार के रूप में जाना जाता हैं इसलिए ईद के दिन मीठा सबसे ज्यादा खाने को मिलता हैं जैसे दूध की सेवईया , खोवे की सेवईया , नान -वेज भी बनाया जाता हैं।

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